सौम्या और आदित्य (पहले सीरियस प्यार की पहली सीरियस कसक--१ )
आदित्य बी कॉम करके अपने पारिवारिक बिज़नेस में लगा हुआ है और सौम्या दर्शनशास्त्र में एम.ए कर रही है। दोनों एक दूसरे को पिछले दो बरसों से जानते हैं क्योंकि एक ही कॉलेज में पढ़ते आए हैं। सौम्या को आदित्य पसंद है लेकिन अभी उनकी दोस्ती टेस्टिंग फ़ेज़ में है।बात बात में आदित्य को झिड़क देना आदित्य को समझने का सौम्या का अपना तरीक़ा है। आदित्य यह समझने लगा है और उसकी हर झिड़क को गहराते हुए दोस्ती के रूप में लेता है।
और एक दिन जब आदित्य सौम्या से मिलने विश्वविद्यालय पहु्ंता है तो...
—-
सौम्या: हाउ डेयर यू? तुम कल मेरे घर तक कैसे पहुँच गए?
आदित्य: नहीं, मुझे तो पता भी नहीं कि वो तुम्हारा घर था. मैं अपने पापा के एक क्लाइंट का पता पूछने गया था?
सौम्या: और पता पूछने के लिए तुम्हे मेरे घर के अलावा और कोई घर नहीं दिखा! व्हाट डू यू थिंक आई वाज़ बॉर्न येस्टेरडे?
आदित्य: तुम्हे ज़्यादा भाव खाने की ज़रुरत नहीं है. पता नहीं अपने आप को क्या समझती हो?
सौम्या: एरिस्टोटल का नाम भी सुने हो?
आदित्य: एरिस्टोटल? मुझे सिर्फ हिसाब किताब का टोटल करने आता है और उसमें मैं बहुत माहिर हूँ।
सौम्या: लग ही रहा है! प्लेटो का नाम सुना है?
आदित्य: नहीं, हमारा प्लेट का बिज़नेस नहीं है. मेरा मेडिकल इक्विपमेंट्स का बिज़नेस है और हम टूटे हुए दिलों को जोड़ते हैं.
——
सौम्या ग़ुस्से में मुँह बनाकर चली जाती है हालाँकि आदित्य से अपने आँखों की हँसी को नहीं छुपा पाती है!
—कुमार विक्रम
No comments:
Post a Comment