इकबालिया बयान
मैंने उस दिन कुतुहलवश ही सही
तुमसे पूछ लिया था
क्या तुम और तुम्हारे बच्चे
महाभारत रामायण की कहानियों के बारे में
जानते हैं
तुमने मुस्कुराकर पूरी शालीनता से कहा था
अरे! यह भी कोई बात है!!
बचपन से ही टुकड़ों में ही सही
इन कहानियों को सुनता आया हूँ
पिछले सप्ताह ही तो छोटा वाला जन्माष्टमी पर
कृष्ण-सुदामा वाले प्रहसन में
अपने स्कूल में कृष्ण की भूमिका खेलकर आया है
मैं शुक्रगुज़ार हूँ तुम्हारा
कि उसके बाद तुमने मेरे संग
मौसम के बदलाव पर पूरी तन्मयता से बातचीत की
और मुझे किसी असहज स्थिति से बचा लिया
जो तुम्हारे क़ुरान अथवा इस्लाम संबंधी
मेरे लिए किसी जबाबी सवाल से
मुझे हो सकती थी
कुमार विक्रम
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