Installation
titled ‘Critical Mass’ by Anthony Gormley
Image Courtesy: http://andymooseman.blogspot.in
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बहसें अंतर्मन की--एक लघु कविता
कुछ बहसें अंतर्मन की हैं,अब यह भी आहवान हो
बाहर हवा है करती सांये सांये
कुछ अंदर में भी घमासान हो
हनुमानी कूद से पहले
कुछ विस्मृत्यों का भी व्याख्यान हो
सत्य की खोज में निकल पड़े जो हम
वर्षों के झूठ का भी हमें ज़रा संज्ञान हो
शब्दों का शोर ही तो काफी नहीं
कुछ मौन का भी अपना स्थान हो.
---कुमार विक्रम
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